Friday, March 22, 2013

माँ – तुम सदा मुसकुराना !!!


माँ तुम रोती हो
मुझे अच्छा नही लगता
तेरे आंसुओं को देख
मै भी रो पड़ता हूँ
माँ तू दुखी होती है
मुझे अच्छा नही लगता
तेरी उदासी को देख
मेरा भी दिल दुखता है
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रोता हुआ तो म आया था
तूने ही तो चुप कराया
मुझे मुस्कुरा कर देखा
ओर सीने से लगाया
तूने तो बस प्यार दिया
तूने ही तो हसना सिखाया
काबी ज़ोर से डांट दिया
फिर तूने तो प्यार भी किया
माँ तू हँसती हुई अच्छी लगती है :D :)
तुझे देख कर मै भी हँसता हूँ
तेरी मुस्कान को देख
मैं भी खुश हो जाता हूँ
मैं रोऊँ तो तुम मत रोना
मेरे पास आना पर उदास न होना
सर पर हाथ फेरना और
मुझे चूम कर बस हँस देना
मैं तुमसे नाराज़ हो जाऊँ
तब भी तुम नाराज़ ना होना
मुझे डांटना मारना
और गले से लगा लेना
जहां भी मैं जाऊँ
तुम मेरे साथ ही रहना
तुम मेरे साथ होती हो माँ
तो मै सबसे लड़ लेता हूँ
क्यूकी मुझे पता है
तू मेरी माँ है मै तेरा बेटा हूँ
मै अच्छा बुरा जैसा भी हूँ
तुम तो बस मुझे अपना लाल मानती हो
मैं सबसे बेहतर हूँ
ये तुम ही तो एहसास दिलाती हो
इसीलिए तो माँ-
तुम पास होती हो तो
सब अच्छा -अच्छा सा लगता है
ओर तुम रोती हो तो
मै भी रो पड़ता हूँ :’(
LOVE U MAA

Saturday, December 8, 2012

Jiyo Nidar

हम तो अकेले अंधेरों में जीते हैं
हर पल तूफानों में चलते है

डरते तो वो हैं जो -
भीड़ में रहते हैं ,
और दिन के उजाले में भी
हवा के झोंकों से घबरा जाते हैं .

Tuesday, October 23, 2012

Ek Ladki...Masoom Zindagi


Kyu teri Zindagi kisi or ki jaagir h
kehne ko tu azaad h
par teri zindagi dusro k khatir h
kyu tu amaanat h
kyu tu zimmedari h
kyu tu chinta ka karan h
or tera jana, chinta ka sbse bada nivaran h
kyu tumhe sambhale rkhna h-
kyuki tumhe kahi or jana h,
kyuki tu toh parayi h,
tujhe kisi or k paas bhejna h?
tu akeli ho toh fikar h
tu kisi or k sath ho toh parwah h
tu ghar me rhe to gawar h
tu bahar ghume toh awaara h
kyu tu aisi h
kyu nhi oron k jaisi h
kyu nhi jeeti apni zindagi
kiske liye sambhale rakhi h
-
mai ek abhi ek beti hu
fir kabi kisi ki bahu or patni hu
meri zindagi abi ma-baap ki zimmedari h
kyuki ye toh mere pati ki jaagir h
maa-baap ka karz h
unhe kaise dukh du
sasural mera farz h
farz se kaise mukar jau
mai ek ladki hu
sabka sukh dekhti hu
fir kuch bache toh
apne baare me sochti hu